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भारत का संविधान की उद्देशिका
में निरूपित सिद्धान्त सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय वस्तुत:
भारत के समस्त नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकार है। नागरिकों के मूल
अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु संवैधानिक व्यवस्था के
अन्तर्गत उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय का गठन किया गया है।
उक्त के अतिरिक्त समस्त नागरिकों को विचार, अभिव्यक्ति, विशवास,
धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता, प्रतिश्ठा और अवसर की समता
सुनिशिचत करने और विवादों को तय करने के उद्धेशय से उच्च न्यायालय
के नियन्त्रण में अधीनस्थ न्यायालयों, पारिवारिक विवाद न्यायालयों,
विशिष्ट न्यायालयों तथा राज्य लोक सेवा अधिकरण आदि का गठन किया गया
है। |